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Tuesday, June 29, 2021

Teacher ! Teacher - a poem

Teacher ! Teacher - a poem


Teacher ! Teacher !

Take me out of fear


Teacher ! Teacher !

Overcome my fear


Teacher ! Teacher !

Counsel me as preacher


Teacher ! Teacher !

Take me out when I am in danger


Teacher ! Teacher !

You are a best counselor


Teacher ! Teacher !

You are a best guider


Teacher ! Teacher !

Teach me fine manner


Teacher ! Teacher !

Inculcate in me best feature


Teacher ! Teacher !

You are the best mentor


Teacher ! Teacher !

Take me out of fear


Teacher ! Teacher !

Overcome my fear


Wednesday, June 9, 2021

ज़रा संभलकर

 

ज़रा संभलकर

 

मैं अपने जीवन का एक संस्मरण आप सबके साथ साझा कर रहा हूँ हुआ यूं कि मेरे एक मित्र को खुद पर शायद ज्यादा ही विश्वास था यानी अतिआत्मविश्वास | दीपावली  का त्यौहार आया | गली – मोहल्ले में सभी अपने  - अपने घर की छत पर बिजली वाला रंगीन तारा लगाने की तैयारी कर रहे थे | मेरे मित्र को भी अपने घर पर तारा लगाने की सूझी और शुरू हो गया तारा बनाने की तैयारी | तारा बनकर तैयार हो गया | अब बिजली की तार  ढूँढने का काम शुरू हुआ | घर में एक कबाड़ के नाम से एक पुराना लोहे का डिब्बा था बस उसी में से तारों के छोटे  - छोटे टुकड़ों को इकठ्ठा किया गया और उन्हें जोड़  - तोड़कर उसमे प्लग लगाकर छत पर तारा लटका दिया गया |

         अब शुरू होता है मेरे दोस्त के अतिआत्मविश्वास का खेल |  तारा लग गया | दोस्त का दूसरा भाई तारे के जलने यानी चमकने को लेकर अतिउत्साहित था | किन्तु ये क्या हुआ  बिजली का बटन चालू करते ही पूरे घर की बिजली गुम  और जोर की आवाज “भूम – भड़ाम “ | सारे घबरा गए कि आखिर क्या हुआ | पता चला कि तारे का प्लग बोर्ड के पॉइंट से चिपक गया | घर के सारे फ्यूज उड़ गए |

              सभी सोच रहे थे कि  आखिर ऐसा क्यों हुआ ?  साड़ी खोजबीन करने पर पता चला कि बिजली के तारों को एक दूसरे के साथ जैसे रस्सी के सिरों को बांधकर गाँठ लगाईं जाती है उसी तरह से जोड़ा गया था | अब हमारे मित्र जनाब को समझ आ गयी कि किसी भी काम को करने से पहले किसी समझदार व्यक्ति से जानकारी ले लेनी चाहिए ताकि .......... भविष्य में भी ऐसी कोई घटना न हो |

              तो आप भी समझ गए होंगे कि .........अतिआत्मविश्वास कभी - कभी ..........!!!!!!!

Saturday, June 5, 2021

उत्तम विचार

 " विचारों की शालीनता ही , जीवन को शालीनता से अलंकृत एवं पोषित करती है"


अनिल कुमार गुप्ता "अंजुम "

आज का विचार

 "प्रतिकूल परिस्थिति में भी दृढ इच्छाशक्ति का परिचय ही सफलता का मूल  मंत्र है "


अनिल कुमार गुप्ता " अंजुम "