KV Librarians In service course blog link for Bhubaneswar Region

My another WordPress blog

My blog on blogspot

My blog on wrdpress

Wednesday, October 31, 2018

गीत मेरे तुम मेरी ग़ज़ल हो जाओ तो कोई बात बने - द्वारा - अनिल कुमार गुप्ता (के वी सुबाथू )


 गीत मेरे तुम मेरी ग़ज़ल हो जाओ तो कोई बात बने

गीतों को ग़ज़ल करने की रही , बरसों तमन्ना मेरी
गीत मेरे तुम ग़ज़ल हो जाओ , तो कोई बात बने

चंद रिश्तों से रोशन , नहीं होती दुनिया
रिश्तों को समंदर रोशन हो , तो कोई बात बने

सपनों को गर मंजिल , नसीब हो तो क्या हो
सपनों मेरे तुम मेरी मंजिल हो जाओ , तो कोई बात बने

इंसानियत के रखवालों से , काफूर होती दुनिया
ये दुनिया इंसानियत के मददगारों से रोशन हो जाए , तो कोई बात बने

यूं ही नहीं बेमतलब होता , कोई किसी का हमसफ़र
ये दुनिया प्यार के रखवालों से रोशन हो जाए , तो कोई बात बने

चंद आशारों से पूरी नहीं होती , खुदा की इबादत
खुदा का एक इबादतनामा  जो रोशन हो जाए , तो कोई बात बने

दिल के गम दिल में छुपाकर , जिया नहीं करते
गम के खरीदारों से ये दुनिया रोशन हो जाए , तो कोई बात बने

इस दुनिया में कहानीकिस्सा बनकर , रह जाए ये जिन्दगी
ये जिन्दगी उस खुदा की अमानत हो जाए , तो कोई बात बने

द्वारा
अनिल कुमार गुप्ता (के वी सुबाथू)

No comments:

Post a Comment