पैसे का खेल दुनिया


पैसे का खेल दुनिया

पैसे का खेल दुनिया, पैसे का खेल है
पैसा जो पास न हो , काहे का मेल है

पैसे को कहते लोग , हाथ का मेल हैं
पैसा जो पास न हो , काहे का मेल है

पैसों से रिश्ते हैं , पैसों से नाते हैं
पैसा जो पास न हो, रिश्ते टूट जाते हैं

पैसा जो पास हो, खोटे सिक्के भी चल जाते हैं
पैसा जो पास हो, नए रिश्ते बन जाते हैं

पैसे पर गिरते लोग, पैसे पर मरते हैं
पैसों की खातिर लोग, रिश्तों का खून करते हैं

पैसे की माया भी , अजब ही माया है
जिसने भी घमंड किया , उसे इसने रुलाया है

पैसों की गर्मी जब सिर पर चढ़ जाती है
आदमी की आदमियत उसी वक़्त खो जाती है

पैसों का जूनून कुछ भी करा सकता है
भाई को भाई का दुश्मन बना सकता है

पैसे को देख लोग मधुमक्खी की तरह लपकते हैं
भ्रम जो टूटता है तो औंधे मुंह गिरते हैं

पैसे के मकड़जाल में संसार उलझा हुआ है
अपनी ही अधोगति का कारण बना हुआ है ...........क्रमशः

पैसे का खेल दुनिया पैसे का खेल दुनिया Reviewed by anil kumar gupta on January 29, 2020 Rating: 5

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