इंसानियत
के रखवालों का अकाल हो गया
इंसानियत
के रखवालों का अकाल हो गया
दमन
करने वालों का रूप विकराल हो गया
इंसानियत
अपनी किस्मत पर बहा रही है आंसू
खुदा
के चाहने वालों का जीना मुहाल हो गया
मदमस्त
जवानी से भरे गीतों पर थिरक रहे हैं लोग
सुरीले
गीतों से सजे उपवन का अकाल हो गया
नेताओं
को राजगद्दी से हो गया है मोह
देश
पर मरने वाले नेताओं का अकाल हो गया
“डीजे
वाले बाबू “ गीत पर थिरक रहे नर और नारी
मंदिरों
में भक्तों का अकाल हो गया
वक़्त
बेवक्त की ये पार्टियां और ये मस्ती
उम्र
का अंतर घटा , संस्कारों का अभाव हो गया
टूटते
और भटकते रिश्तों से पट रही दुनिया
संबंधों
में सामाजिकता का अभाव हो गया
बिखर
रहे परिवार, भटकती सी जवानियाँ
इस
युवा पीढ़ी पर , पाश्चात्य का प्रभाव हो गया
इंसानियत
के रखवालों का अकाल हो गया
दमन
करने वालों का रूप विकराल हो गया
इंसानियत के रखवालों का अकाल हो गया - द्वारा - अनिल कुमार गुप्ता
Reviewed by anil kumar gupta
on
October 24, 2018
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