उस खुदा की इबादत के गीत गुनगुनाएं चलो - द्वारा - अनिल कुमार गुप्ता


उस खुदा की इबादत के गीत गुनगुनाएं चलो


उस खुदा की इबादत के गीत गुनगुनाएं चलो
इस जहां को उस खुदा की इबादतगाह बनायें चलो

कुछ गीत लिखें , उस खुदा की इबादत के
उस खुदा की इबादत का एक कारवाँ सजाएं चलो

उस खुदा के नेक बन्दों से , मुहब्बत का एक रिश्ता सजाएं चलो
उस खुदा के करम से , इस जहां को खुशनुमा आशियाँ बनाएं चलो

वो नेक दिल है , उसकी नवाजिश है हम सब पर
उस खुदा के दर पर सजदा कर आयें चलो

उसकी रहमत उसके करम से हम सब हैं वाकिफ
उसके दर पर सजदों का एक कारवाँ सजाएं चलो

उस खुदा ने खूबसूरत करिश्मों से सजाया है इस जहां को
उस खुदा की इस नेमत से एक रिश्ता सजाएं चलो

अपनी कलम को उस खुदा की धरोहर कर दें
उस खुदा की इबादत को अपनी कलम का जरिया बनाएं चलो

पाक दामन हो पाक हो रिश्तों का सफ़र
उस खुदा के बन्दों से रिश्ता निभाएं चलो



उस खुदा की इबादत के गीत गुनगुनाएं चलो - द्वारा - अनिल कुमार गुप्ता उस खुदा की इबादत के गीत गुनगुनाएं चलो -  द्वारा - अनिल कुमार गुप्ता Reviewed by anil kumar gupta on October 24, 2018 Rating: 5

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