Wednesday, October 31, 2018

इस ज़मीं को चलो सितारों से सजा दें - द्वारा - अनिल कुमार गुप्ता , पुस्तकालय अध्यक्ष केंद्रीय विद्यालय फाजिल्का सुबाथू


इस ज़मीं को चलो सितारों से सजा दें


इस ज़मीं को चलो , सितारों से सजा दें
क्यों दूर करें आसमां में , सितारों की तलाश

इस ज़मीं को चलो , चाँद सा कर दें रोशन
क्यों करें दूर आसमां में , चाँद की तलाश

इस ज़मीं को चलो फूलों की , खुशबू से कर दें रोशन
क्यों कहीं दूर उपवन में करें , खुशबू की तलाश

इस ज़मीं को चलो कर दें , बचपन की खुशबू से रोशन
क्यों कहीं दूर चलें और करें , बचपन की आहट की तलाश

इस ज़मीं को चलो कर दें , जीवन की खुशबू से रोशन
क्यों कहीं दूर चलें और करें , जीवन की तलाश

इस ज़मीं को चलो कर दें , इंसानियत के ज़ज्बे से रोशन
क्यों कहीं दूर करें इंसानियत के , रखवालों की तलाश

इस ज़मीं को चलो कर दें ,उस खुदा की इबादत से रोशन
क्यों कहीं दूर आसमां में करें , उस खुदा की तलाश

इस ज़मीं को उस खुदा की , जन्नत सा करें रोशन
क्यों कहीं दूर चलें और करें , जन्नत की तलाश

द्वारा
अनिल कुमार गुप्ता
पुस्तकालय अध्यक्ष
केंद्रीय विद्यालय सुबाथू 



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