इस ज़मीं को चलो सितारों से सजा दें
इस ज़मीं को चलो , सितारों से सजा दें
क्यों दूर करें आसमां में , सितारों की तलाश
इस ज़मीं को चलो , चाँद सा कर दें रोशन
क्यों करें दूर आसमां में , चाँद की तलाश
इस ज़मीं को चलो फूलों की , खुशबू से कर दें रोशन
क्यों कहीं दूर उपवन में करें , खुशबू की तलाश
इस ज़मीं को चलो कर दें , बचपन की खुशबू से रोशन
क्यों कहीं दूर चलें और करें , बचपन की आहट की तलाश
इस ज़मीं को चलो कर दें , जीवन की खुशबू से रोशन
क्यों कहीं दूर चलें और करें , जीवन की तलाश
इस ज़मीं को चलो कर दें , इंसानियत के ज़ज्बे से रोशन
क्यों कहीं दूर करें इंसानियत के , रखवालों की तलाश
इस ज़मीं को चलो कर दें ,उस खुदा की इबादत से रोशन
क्यों कहीं दूर आसमां में करें , उस खुदा की तलाश
इस ज़मीं को उस खुदा की , जन्नत सा करें रोशन
क्यों कहीं दूर चलें और करें , जन्नत की तलाश
द्वारा
अनिल कुमार गुप्ता
पुस्तकालय अध्यक्ष
केंद्रीय विद्यालय सुबाथू
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