मेरी प्रियतम


मेरी प्रियतम

मृदुभाषी मेरी प्रियतम तुम
मेरे जीवनसाथी बन आये तुम
कोमल है स्पर्श तुम्हारा
स्वर्ग सा देता आभास
निखरी – निखरी तुम लगती हो
चंचल  चपल सलोनी सी तुम
पाकर रूप सलोना हे कामिनी
नवयौवन की मादकता हो
मन मस्तिस्क में केवल तुम हो
चाल तेरी मतवाली है
वनिता , तुम सहज सुन्दर हो
सौन्दर्य तेरा है अति मनोहर
खूबसूरती का तुम सागर हो
हे प्रियतम हे रमणीका
हे कामिनी हे प्रिय कान्ता
हे प्रिय वामा हे प्रिय रमणी
सुन्दर रूप सुन्दर तेरी काय
मेरे मन मंदिर को भाया
तुम संग हो गई मुझको प्रीत
सबसे सुन्दर तुम हो मीत
तुमसे सारा लागे जग प्यारा
तेरी बाहों का जब मिले सहारा
तुम अति पावन अति सुन्दर
रोशन होता मेरा मन मंदिर
तुम पर हर जन्म मैं वारूँ
तुमको ही अपना प्रियतम मैं पाऊँ
मृदुभाषी मेरी प्रियतम तुम
मेरे जीवनसाथी बन आये तुम
कोमल है स्पर्श तुम्हारा
स्वर्ग सा देता आभास



मेरी प्रियतम मेरी प्रियतम Reviewed by anil kumar gupta on November 28, 2019 Rating: 5

No comments:

Powered by Blogger.