रिश्ते (शादीशुदा जीवन में
प्रेम, प्यार की संजीवनी )
@ रिश्तों की
गहराई बनाए रखने के लिए एक का दूसरे के साथ जुड़ाव जरूरी है | यह जुड़ाव दोनों
पक्षों न की तरफ से होना चाहिए न की एक पक्ष की ओर से |
@ इस बात की हमेशा कोशिश की जाए कि रिश्तों में जुड़ाव
स्थिर बना रहे | एक दूसरे के प्रति सकारात्मक सोच ही इसका आधार हो सकती है |
@ शादीशुदा जीवन में एक दूसरे के प्रति प्रेम की ऊर्जा
को बनाए रखने के लिए समय - असमय एक दूसरे
को प्यार से छूने की भावना विकसित होती
रहनी चाहिए इससे रिश्तों में मिठास बनी रहती है |
@ मिलन के प्रथम दिवस की यादों को संजोकर रखें और इसी
ऊर्जा के साथ प्रतिदिन का व्यवहार अबाध रूप से आगे बढ़ता रहे | सामाजिक परिवेश में
अपनी जिम्मेदारियों का पालन करते - करते
जब भी एक दूसरे से मिलें तो इस तरह मिलें जैसे पहली बार एक दूसरे से मिल रहे हों |
@ व्यस्त जिन्दगी में कुछ पल अपने लिए अवश्य निकालें |
काम का बोझ आपकी शादीशुदा जिन्दगी पर नहीं पढ़ना चाहिए |
@ जिन्दगी के पलों को खुशुनुमा बनाये रखने के लिए
हंसी - मजाक के पल जीवंत बने रहने चाहिए |
@ जीवन में काम का बोझ और सामाजिक जिम्मेदारियों के
बीच कहीं ऐसा न हो कि आपके बीच संवाद ही
समाप्त हो जाए | ऐसी स्थिति से बचें |
@ एक दूसरे की उपलब्धियां दिल से सराहें | जीत और हार
जैसे नकारात्मक विचार अपने दिल से निकाल
फेकें |
@ एक दूसरे की भावनाओं को सम्मान दें और कोशिश
करें कि विचारों का मतभेद तो जीवन में हो सकता है किन्तु मनभेद परेशानी का सबब बन
सकता है |
@ एक दूसरे के प्रति समर्पण का भाव होना जरूरी है चाहे
कितनी भी कठिन परिस्थितियाँ हों | यह रिश्ते को मजबूत और सफल बना सकता है |
@ घर के दैनिक कार्यों में एक दूसरे का साथ दें ताकि
एक दूसरे के करीब आने का मौका भी मिले और सम्बन्ध प्रगाढ़ हो सकें |
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