चंद एहसास - द्वारा - अनिल कुमार गुप्ता - पुस्तकालय अध्यक्ष केंद्रीय विद्यालय सुबाथू


 चंद एहसास

क्यों कोई किसी को , कहे अपना
ये दुनिया छलावा है , “अवसरका

सफलता के अभिमान में तू , राह भटकना
संयम में खुद को रखना , खुद को बुलंद करना

अपनी मंजिल पर निगाह रखना, अपने प्रयासों पर विश्वास करना
रास्ते कितने कठिन हों, खुद पर एतबार करना

अपने उत्कर्ष को अपने जीवन की धरोहर करना
सत्य और कर्म की राह को अपनी मंजिल का हमसफ़र करना

अपने सामर्थ्य को अपने जीवन की धरोहर करना
आगे बढ़ते रहना और खुद को बुलंद करना

अपनी इच्छाओं पर लगाम कसना, स्वयं को बंधन मुक्त रखना
किनारे तुझको भी होंगे नसीब, स्वयं पर संयम रखना

स्वयं को अपने प्रयासों की , नाव का खेवट करना
तेरे प्रयासों को होगी मंजिल नसीब, खुद पर भरोसा करना

स्वयं को विकारों से परे रखना, खुद को सलिला सा पावन रखना
तुझ पर होगी उस प्रभू की कृपा, तुझको भी होगी मुक्ति नसीब

द्वारा
अनिल कुमार गुप्ता
पुस्तकालय अध्यक्ष
केंद्रीय विद्यालय सुबाथू 

चंद एहसास - द्वारा - अनिल कुमार गुप्ता - पुस्तकालय अध्यक्ष केंद्रीय विद्यालय सुबाथू  चंद एहसास - द्वारा  - अनिल कुमार गुप्ता -  पुस्तकालय अध्यक्ष  केंद्रीय विद्यालय सुबाथू Reviewed by anil kumar gupta on October 31, 2018 Rating: 5

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