संवेदनाएं - एक कविता - द्वारा - अनिल कुमार गुप्ता


संवेदनाएं

संवेदनाओं की दुनिया खोलती है एक नई कहानी
भयमुक्त हो जाती हैं हमारी प्रार्थनाएं

संवेदना एक संभावना नहीं अवसर है
जीवन को भय मुक्त पथ पर अग्रसर करने का 

धर्म और आध्यात्म इसे पुष्पित व पोषित करते
धर्म का मर्म बन जीवन को चरितार्थ करने का

जीवन की हर एक साँस संवेदनाओं पर समर्पित
अपने अहं को मानवीय संवेदनाओं पर न हावी होने दें

धर्म से परे आध्यात्मिकता की असफल तलाश क्यों
क्यों न धर्म और आध्यात्म की तार पर साध लें जीवन

हमारी मानवीय संवेदनाएं हमारे मानव होने का श्रेष्ठ परिचय
फिर मानव मन मानव तन में ही परमात्व तत्व के होने का बोध करें

क्यों न हमारी जीवन की तलाश अनवरत जारी रहे
क्यों न हम धर्म और आध्यात्म के और सत्य स्थापित करें

संवेदनाओं का एक संसार निर्मित करें जिसके चारों ओर
जीवन की सार्थकता का , संस्कारों का एक उपवन रोशन हो

संवेदनाएं मानव मन के पावन होने का द्योतक है
आध्यात्म के परचम तले आत्म संवाद का एक कारवाँ सजा लें

संवेदनाओं की दुनिया खोलती है एक नई कहानी
भयमुक्त हो जाती हैं हमारी प्रार्थनाएं

संवेदना एक संभावना नहीं अवसर है
जीवन को भय मुक्त पथ पर अग्रसर करने का 

संवेदनाएं - एक कविता - द्वारा - अनिल कुमार गुप्ता संवेदनाएं - एक कविता - द्वारा  - अनिल कुमार गुप्ता Reviewed by anil kumar gupta on November 28, 2018 Rating: 5

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