चंद क्षणिकाएं
1
आंसुओं की भी होती है अपनी जुबां
बहते हैं तो दिल की गहराइयों तक
संवेदनाओं का एक ज्वार -
भाटा सा
स्वयं ही एहसास जगा देता है
2
एक लम्हा ख़ुशी से
लबालब जिन्दगी
खुशियों का समंदर रोशन कर
जिन्दगी को और भी हसीं बना देती है
3
समय की रेखा पर बदलती नारी
कुंठा के पिंजरे से बाहर आ
स्वयं को हौसलों और उम्मीदों से पोषित कर
बिखेरने लगी है जीवन में खुशियाँ
4
उम्मीदों की सतरंगी किरणें
हौसला ज़माने को बदल देने का
और इरादा आसमां छू लेने का
काफी है खुला आसमां पाने के लिए
चंद क्षणिकाएं
Reviewed by anil kumar gupta
on
November 28, 2018
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