अपनी साजिशों से कभी किसी को रुलाना नहीं

May 01, 2019
अपनी साजिशों से कभी किसी को रुलाना नहीं अपनी साजिशों से कभी किसी को रुलाना नहीं Reviewed by anil kumar gupta on May 01, 2019 Rating: 5

मुझे खुद से है आस , लिए जी रहा हूँ ये एहसास

May 01, 2019


मुझे खुद से है आस , लिए जी रहा हूँ ये एहसास

मुझे खुद से है आस , लिए जी रहा हूँ ये एहसास
खूब निभा रही जिन्दगी मेरा साथ, लिए जी रहा हूँ ये एहसास

आँखों में हैं सपने हज़ार , लिए जी रहा हूँ ये एहसास
मेरी हर कोशिश को मिले उस खुदा का साथ , लिए जी रहा हूँ ये एहसास

मेरी सकारात्मक सोच है मेरे साथ, लिए जी रहा हूँ ये एहसास
हर एक प्रयास को दूंगा आसमा हज़ार, लिए जी रहा हूँ ये एहसास

मेरा साहस होगा मेरी सफलता का आधार , लिए जी रहा हूँ ये एहसास
कह दूंगा अलविदा अपने भीतर के डर को, लिए जी रहा हूँ ये एहसास

जीत लूँगा मैं अपने हर एक सुस्वप्न को, लिए जी रहा हूँ ये एहसास
मेरी आत्मा की पुकार देगी मेरा साथ , लिए जी रहा हूँ ये एहसास

यादों में बहती गंगा से स्वयं को पावन कर लूंगा मैं, लिए जी रहा हूँ ये एहसास
अपने हर एक प्रयास में खिलखिलाहट के रंग भर दूंगा, लिए जी रहा हूँ ये एहसास

मेरे सद्विचार रुपी पंख होंगे मेरे सपनों का आधार , लिए जी रहा हूँ ये एहसास
अपनी उम्मीदों को अपनी मंजिल का आशियाँ बना लूंगा मैं , लिए जी रहा हूँ ये एहसास

   



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