इंसानियत के रखवालों का अकाल हो गया - द्वारा - अनिल कुमार गुप्ता

October 24, 2018

इंसानियत के रखवालों का अकाल हो गया

इंसानियत के रखवालों का अकाल हो गया
दमन करने वालों का रूप विकराल हो गया

इंसानियत अपनी किस्मत पर बहा रही है आंसू
खुदा के चाहने वालों का जीना मुहाल हो गया

मदमस्त जवानी से भरे गीतों पर थिरक रहे हैं लोग
सुरीले गीतों से सजे उपवन का अकाल हो गया

नेताओं को राजगद्दी से हो गया है मोह
देश पर मरने वाले नेताओं का अकाल हो गया

“डीजे वाले बाबू “ गीत पर थिरक रहे नर और नारी
मंदिरों में भक्तों का अकाल हो गया

वक़्त बेवक्त की ये पार्टियां और ये मस्ती
उम्र का अंतर घटा , संस्कारों का अभाव हो गया

टूटते और भटकते रिश्तों से पट रही दुनिया
संबंधों में सामाजिकता का अभाव हो गया

बिखर रहे परिवार, भटकती सी जवानियाँ
इस युवा पीढ़ी पर , पाश्चात्य का प्रभाव हो गया

इंसानियत के रखवालों का अकाल हो गया
दमन करने वालों का रूप विकराल हो गया


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उस खुदा की इबादत के गीत गुनगुनाएं चलो - द्वारा - अनिल कुमार गुप्ता

October 24, 2018

उस खुदा की इबादत के गीत गुनगुनाएं चलो


उस खुदा की इबादत के गीत गुनगुनाएं चलो
इस जहां को उस खुदा की इबादतगाह बनायें चलो

कुछ गीत लिखें , उस खुदा की इबादत के
उस खुदा की इबादत का एक कारवाँ सजाएं चलो

उस खुदा के नेक बन्दों से , मुहब्बत का एक रिश्ता सजाएं चलो
उस खुदा के करम से , इस जहां को खुशनुमा आशियाँ बनाएं चलो

वो नेक दिल है , उसकी नवाजिश है हम सब पर
उस खुदा के दर पर सजदा कर आयें चलो

उसकी रहमत उसके करम से हम सब हैं वाकिफ
उसके दर पर सजदों का एक कारवाँ सजाएं चलो

उस खुदा ने खूबसूरत करिश्मों से सजाया है इस जहां को
उस खुदा की इस नेमत से एक रिश्ता सजाएं चलो

अपनी कलम को उस खुदा की धरोहर कर दें
उस खुदा की इबादत को अपनी कलम का जरिया बनाएं चलो

पाक दामन हो पाक हो रिश्तों का सफ़र
उस खुदा के बन्दों से रिश्ता निभाएं चलो



उस खुदा की इबादत के गीत गुनगुनाएं चलो - द्वारा - अनिल कुमार गुप्ता उस खुदा की इबादत के गीत गुनगुनाएं चलो -  द्वारा - अनिल कुमार गुप्ता Reviewed by anil kumar gupta on October 24, 2018 Rating: 5
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