रिश्ते (शादीशुदा जीवन में प्रेम, प्यार की संजीवनी )

June 28, 2020

रिश्ते  (शादीशुदा जीवन में प्रेम, प्यार की संजीवनी )

 @ रिश्तों की गहराई बनाए रखने के लिए एक का दूसरे के साथ जुड़ाव जरूरी है | यह जुड़ाव दोनों पक्षों न की तरफ से होना चाहिए न की एक पक्ष की ओर से |
@ इस बात की हमेशा कोशिश की जाए कि रिश्तों में जुड़ाव स्थिर बना रहे | एक दूसरे के प्रति सकारात्मक सोच ही इसका आधार हो सकती है |
@ शादीशुदा जीवन में एक दूसरे के प्रति प्रेम की ऊर्जा को बनाए रखने के लिए समय  - असमय एक दूसरे को प्यार से छूने की भावना विकसित  होती रहनी चाहिए इससे रिश्तों में मिठास बनी रहती है |
@ मिलन के प्रथम दिवस की यादों को संजोकर रखें और इसी ऊर्जा के साथ प्रतिदिन का व्यवहार अबाध रूप से आगे बढ़ता रहे | सामाजिक परिवेश में अपनी जिम्मेदारियों का पालन करते  - करते जब भी एक दूसरे से मिलें तो इस तरह मिलें जैसे पहली बार एक दूसरे से मिल रहे हों |
@ व्यस्त जिन्दगी में कुछ पल अपने लिए अवश्य निकालें | काम का बोझ आपकी शादीशुदा जिन्दगी पर नहीं पढ़ना चाहिए |
@ जिन्दगी के पलों को खुशुनुमा बनाये रखने के लिए हंसी  - मजाक के पल जीवंत बने रहने चाहिए |
@ जीवन में काम का बोझ और सामाजिक जिम्मेदारियों के बीच कहीं ऐसा न हो कि  आपके बीच संवाद ही समाप्त हो जाए | ऐसी स्थिति से बचें |
@ एक दूसरे की उपलब्धियां दिल से सराहें | जीत और हार जैसे  नकारात्मक विचार अपने दिल से निकाल फेकें |
@   एक दूसरे की भावनाओं को सम्मान दें और कोशिश करें कि विचारों का मतभेद तो जीवन में हो सकता है किन्तु मनभेद परेशानी का सबब बन सकता है |
@ एक दूसरे के प्रति समर्पण का भाव होना जरूरी है चाहे कितनी भी कठिन परिस्थितियाँ हों | यह रिश्ते को मजबूत और सफल बना सकता है |
@ घर के दैनिक कार्यों में एक दूसरे का साथ दें ताकि एक दूसरे के करीब आने का मौका भी मिले और सम्बन्ध प्रगाढ़ हो सकें |


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प्रयास ( एक सद्विचार )

June 28, 2020

प्रयास  ( एक सद्विचार )

# प्रयास सफलता की ओर अग्रसर होने के लिए प्रेरित करता है |
# प्रयास ऐसे करें कि सफलता सुनिश्चित हो जाए |
# स्वयं के प्रयासों पर विश्वास करें दूसरों को अपनी वैशाखी न बनाएं |
# चंद प्रयासों की विफलता इस बात का सूचक नहीं कि आप जीवन में सफल नहीं हो सकते |
# अपने प्रयासों को अपनी मंजिल का हमसफ़र बनाएं और बढ़ चलें मंजिल की ओर |
# अपने प्रयासों , अपनी कोशिशों को अप अपने जीवन की अमूल्य धरोहर बनाएं |
# योजनाबद्ध तरीके से प्रयास करें निश्चित ही सफलता आपके कदम चूमेगी |
# ऐसे प्रयास बिलकुल न करें जिनके करने से आपको कुछ  भी हासिल न हो | यह केवल श्रम , पैसे और समय की बर्बादी होगा |
# अपने प्रयासों को सही दिशा में प्रयोग करें |
# प्रयासों का एक कारवाँ सजाएं ताकि आप सफल हो सकें |
# आपके प्रयास, आपकी कोशिशें आपके सफल होने का परिचायक हैं |
# सकारात्मक सोच एवं सकारात्मक प्रयास  सफलता के प्रेरक अंग हैं  |
# अपने प्रयासों को अपनी मंजिल  की दिशा की ओर कुछ इस तरह से प्रस्थित करें ताकि दूसरों के रास्ते में कोई बाधा उत्पन न हो |
# किसी दूसरे को नीचे गिराकर आगे बढ़ने हेतु आपके द्वारा किया गया प्रयास आपको आपकी निगाह में गिरा देता है | इस बात का ध्यान रखें  |
# आपके सुनियोजित प्रयास  ही आपकी सफलता को सुनिश्चित करते हैं |

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आंसू - एक विचार

June 28, 2020

आंसू

किसी की आँखों से आंसू यूं ह नहीं बह जाया करते | ये ग़मों का वो समंदर बन बहते हैं जिसमे आह का एक ज्वार सा उठता है जो संवेदनाओं के महल को धराशायी कर उस व्यक्ति को उसके द्वारा किये गए अनुचित प्रयासों की परिणिति के रूप में जीवन भर रुलाती है | कहते हैं कोशिश यह होनी चाहिए कि हम किसी के दिल को पीड़ा या गम के सागर में न डूबोयें यदि ऐसा होता है तो हम यह मानें कि हमने मानवीय संवेदनाओं को अपने जीवन में तिलांजलि दे दी है | किसी की आँखों में आंसू आना उसके भीतर चल रहे द्वंद को समझ पाना आसान नहीं है |
          आंसू ख़ुशी के हो तो दुआएं बन उभरते हैं यदि ये आंसू किसी  , शाब्दिक प्रहार या किसी अनैतिक कार्य की परिणिति होते हैं तो उस व्यक्ति को भीतर तक कष्ट देते हैं जिसे इस पीड़ा से होकर गुजरना पड़ा है | हो सके तो किसी की राह का पत्थर चुन देखो न कि किसी की राह का रोड़ा बनकर खड़े हों |
       आंसू जब बहते हैं तो आह का एक समंदर सा रोशन कर जाते हैं जिसके ज्वार में सब कुछ समाप्त हो जाता है डूब जाता है | किसी की आह लेना यानी खुद को जीवन के अनचाहे अंत की ओर प्रस्थित करना है | हमारी कोशिश ये हो कि हमारा जीवन किसी की आह की परिणिति न हो और न ही हम किसी के जीवन में आंसू का सागर निर्मित करें | हम मानवीय संवेदनाओं को अपने जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा बना लें और दूसरों के ग़मों में शामिल हों और  इस जिन्दगी का जीने लायक बना लें |

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धर्म और आध्यात्म - एक विचार

June 28, 2020

धर्म और आध्यात्म

@ धर्म और आध्यात्म में से यदि किसी एक को चुनना हो तो तुम आध्यात्म को चुनो , धर्म स्वयं ही तुम्हारी जिन्दगी का हिस्सा हो जायेगा  |
@ यदि धर्म में तुम्हारा अटल  विश्वास है तो अपने जीवन को साधने के लिये आध्यात्म को एक शस्त्र के रूप में जीवन का हिस्सा बना लो मुक्ति संभव हो जायेगी |
@ धार्मिक कर्मकांड मानसिक एवं आत्मिक शांति के लिए अतिआवश्यक हैं ये मानव मन को पवित्र कर मानव सेवा की भावना से ओतप्रोत  करते हैं इन्हे अंधविश्वास से जोड़ना मूर्खता है | श्रीमदभगवद्गीता में इसका उल्लेख है |
@ एक पुण्य आत्मा धर्म और आध्यात्म की एक अनुपम कृति है |
@ धर्म और आध्यात्म का मिलन ही मानव को मोक्ष द्वार की ओर प्रस्थित करता है |
@ स्वयं को संस्कृति और संस्कारों के आँचल तले पुष्पित करो | आध्यात्म स्वतः ही तुम्हारी जिन्दगी का हिस्सा  हो जाएगा |
@ मानव सेवा जब तुम्हारे जीवन का लक्ष्य हो जाएगा तुम स्वतः ही धर्म और आध्यात्म की ओर प्रस्थित हो जाओगे |

धर्म और आध्यात्म - एक विचार धर्म और आध्यात्म - एक विचार Reviewed by anil kumar gupta on June 28, 2020 Rating: 5
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